Petrol diesel price

Petrol diesel price : पैट्रोल के दामों में 20 रू की गिरावट, डीजल का भाव स्थिर, देखिए सभी जिलों की नई लिस्ट

Petrol Diesel Price : पेट्रोल के दामों में 20 रु की गिरावट, डीजल का भाव स्थिर, देखिए सभी अटलांटिक की नई लिस्ट

 

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Petrol Diesel Price : पेट्रोल के दामों में 20 रु की गिरावट, डीजल का भाव स्थिर, देखिए सभी अटलांटिक की नई लिस्ट करीब एक साल के बाद इस सवाल का जानकर आप भी राहत सांस लेंगे। अनुमान है कि एक महीने के अंदर पेट्रोल और डीजल की कीमत में औसतन दो रुपये प्रति लीटर की राहत मिल सकती है।

इसका प्रमुख कारण है Oil Marketing मार्केटिंग लाभ में आना। एक रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम को कैलेंडर वर्ष के पहले तीन महीनों में डीजल को लाभ मिलने वाला है। पेट्रोल पर मुनाफा पहले ही मिलने लगा है। ऐसे में आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए जा सकते हैं। Petrol diesel price

तो दोस्तों अगर आप इस पेज पर नए हैं तो इस पेज को फॉलो जरूर करें और दिए गए पोस्ट को अंत तक पढ़ें ताकि आपको डीजल पेट्रोल से जुड़ी पूरी जानकारी अच्छी तरह मिल जाए आपको भी स्टेटमेंट मिलते हैं कि कौन कौन रिपोर्ट करता है। पेट्रोल और डीजल डीजल के आधार पर होने की खबरें कर रहे हैं।

15 महीनों बाद डीजल पर प्रोफिट का अनुमान

ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-मार्च की अवधि में पांच तिमाहियों यानी 15 महीने के बाद पहली बार डीजल पर रिटेल मार्जिन पॉजिटिव देखने को मिला है. इसका अहम कारण क्रूड ऑयल की कीमतें कम होना और पेट्रोल और डीजल के दाम फ्रीज रहना है. Petrol diesel price ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को ​बीते वित्त चर्ष 2022—23 की चौथी तिमाही में डीजल की रिटेल सेल पर 50 पैसे प्रति लीटर का प्रोफिट होने का अनुमान है, जबकि तीसरी तिमाही में उन्हें 6.5 रुपये प्रति लीटर का घाटा हुआ था.

पहली और दूसरी तिमाही में नुकसान क्रमश:

10 रुपये और 12.5 रुपये प्रति लीटर रहा. 2022 की जनवरी-मार्च अवधि में प्रति लीटर डीजल पर 2.6 रुपये का घाटा हुआ था. यह नुकसान इसलिए हो रहा था क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम आसमान छू रहे थे और घर पर फ्यूल के दाम में कोई बदलाव नहीं हो रहा था. मांग में वृद्धि,  Petrol diesel price रिफाइनरी कैपेसिटी की कमी और रूस—यूक्रेन वॉर की वजह से सप्लाई चेन में बाधाएं आने की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा देखने को मिल गया था.

पेट्रोल पर भी कितना हो रहा फायदा

दूसरी ओर पिछले साल पेट्रोल के दाम भी आसमान छू गए थे, लेकिन डीजल के मुकाबले कहीं तेज गति से गिरे. जनवरी-मार्च तिमाही में पेट्रोल पर खुदरा मार्जिन 6.8 रुपये प्रति लीटर रहने का अनुमान है, जो तीसरी तिमाही के 10 रुपये से कम है. जनवरी 2022 से शुरू होने वाली तीनों तिमाहियों में तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल की सेल पर घाटा हुआ.

ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पॉजिटिव मार्केटिंग मार्जिन और चौथी तिमाही में 10-11 डॉलर प्रति बैरल के अनुमानित ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन से इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम की ऑपरेशनल इनकम को ज्वाइंटली 77 फीसदी तिमाही-दर-तिमाही बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. नेट प्रोफिट 3.3 गुना बढऩे का अनुमान है.

फ्यूल की कीमत में आखिरी बार पूरे देश में बदलाव पिछले साल 21 मई को हुआ था, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी.

 

Petrol diesel price : करीब एक साल के बाद इस सवाल का जानकर आप भी राहत सांस लेंगे. संभावना है कि एक महीने के अंदर पेट्रोल और डीजल की कीमत में औसतन दो रुपये प्रति लीटर की राहत मिल सकती है. इसका प्रमुख कारण हैं ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का प्रोफिट में आना. एक रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम को कैलेंडर ईयर के पहले तीन महीनों में डीजल को प्रोफिट मिलने लगा है.

पेट्रोल पर प्रोफिट पहले ही मिलने लगा है. ऐसे में आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए जा सकते हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन रिपोर्ट है कि जिसके आधार पर पेट्रोल और डीजल के सस्ता होने की खबर जानकार कर रहे हैं.

15 महीनों बाद डीजल पर प्रोफिट का अनुमान

Petrol diesel price : ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-मार्च की अवधि में पांच तिमाहियों यानी 15 महीने के बाद पहली बार डीजल पर रिटेल मार्जिन पॉजिटिव देखने को मिला है. इसका अहम कारण क्रूड ऑयल की कीमतें कम होना और पेट्रोल और डीजल के दाम फ्रीज रहना है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को ​बीते वित्त चर्ष 2022—23 की चौथी तिमाही में डीजल की रिटेल सेल पर 50 पैसे प्रति लीटर का प्रोफिट होने का अनुमान है, जबकि तीसरी तिमाही में उन्हें 6.5 रुपये प्रति लीटर का घाटा हुआ था.

पहली और दूसरी तिमाही में नुकसान क्रमश: 10 रुपये और 12.5 रुपये प्रति लीटर रहा. 2022 की जनवरी-मार्च अवधि में प्रति लीटर डीजल पर 2.6 रुपये का घाटा हुआ था. यह नुकसान इसलिए हो रहा था क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम आसमान छू रहे थे और घर पर फ्यूल के दाम में कोई बदलाव नहीं हो रहा था. मांग में वृद्धि, टेंप्रेरी रिफाइनरी कैपेसिटी की कमी और रूस—यूक्रेन वॉर की वजह से सप्लाई चेन में बाधाएं आने की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा देखने को मिल गया था.

पेट्रोल पर भी कितना हो रहा फायदा Petrol diesel price

दूसरी ओर पिछले साल पेट्रोल के दाम भी आसमान छू गए थे, लेकिन डीजल के मुकाबले कहीं तेज गति से गिरे. जनवरी-मार्च तिमाही में पेट्रोल पर खुदरा मार्जिन 6.8 रुपये प्रति लीटर रहने का अनुमान है, जो तीसरी तिमाही के 10 रुपये से कम है. जनवरी 2022 से शुरू होने वाली तीनों तिमाहियों में तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल की सेल पर घाटा हुआ.

ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पॉजिटिव मार्केटिंग मार्जिन और चौथी तिमाही में 10-11 डॉलर प्रति बैरल के अनुमानित ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन से इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम की ऑपरेशनल इनकम को ज्वाइंटली 77 फीसदी तिमाही-दर-तिमाही बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. नेट प्रोफिट 3.3 गुना बढऩे का अनुमान है.

एक महीने में पेट्रोल सस्ता होने का अनुमान Petrol diesel price

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को प्रोफिट होने के बाद अब उम्मीदें जगनी शुरू हो गई है, कि पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती देखने को मिलेगी. जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में दो रुपये प्रति लीटर कम हो सकती है. आइईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती के कई कारण दिखाई दे रहे हैं.

पहला अहम कारण कि आॅयल मार्केटिंग कंपनियों को दोनों तरह​ के फ्यूल पर प्रोफिट मिलना शुरू हो गया है. दूसरा कारण है कि आने वाले महीने में कर्नाटक में चुनाव है तो पेट्रोल के दाम को सस्ता होना शुरू हो सकता है. ऐसा हमने पूर्व में पहले भी देखा है. Petrol diesel price

देश के महानगरों में पेट्रोल और डीजल के दाम करीब एक साल से फ्रीज हैं। फूर की कीमत में आखिरी बार पूरे देश में बदलाव पिछले साल 21 मई को हुआ था, जब वित्त मंत्री निर्मल अधिसूचना ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की लेआउट की थी। उसके बाद कुछ राज्यों ने अपना वैट कम या फिर सींक कर दिया। किस कारण से मिस्त्र कम या फिर अधिकार हैं। वर्ना ऑयल मार्केटिंग नेटवर्क की ओर से बांध में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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