PM Kisan yojna: पीएम किसान की राशि से जुड़ी कि नहीं कृषि मंत्री ने साफ किया
PM Kisan yojna : पीएम किसान योजना के पात्र किसानों को एक साल में 6000 रुपये की राशि सहायता राशि दी जाती है। यह राशि तीन राशियों में मिलती है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि में रिश्ते का इंतजार कर रहे किसानों को झटका लग रहा है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद भवन में जवाब देते हुए स्पष्ट कर दिया कि मौजूदा पीएम किसानों की मौजूदा राशि को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 को पीएम किसान योजना जारी की थी। लेकिन दिसंबर 2018 में ही इसे लागू कर दिया गया था। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है। PM Kisan yojna
एनडी टीवी के मुताबिक, यह राशि सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में अपने लिखित जवाब में कहा कि फिलहाल पीएम किसान की मौजूदा राशि को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसमें केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत वित्त पोषण होता है. राज्य सरकार और केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन उन किसान परिवारों की पहचान करता है जो योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार सहायता के पात्र हैं. PM Kisan yojna
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 अक्टूबर को पीएम किसान की 12वीं किस्त जारी की थी. तब केंद्र सरकार ने 16 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे. वहीं,. 8 करोड़ किसानों ने 12वीं किस्त का लाभ उठाया था. अब किसान 13वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. उम्मीद है कि सरकार इस महीने के अंत तक 13वीं किस्त जारी कर सकती है.
किसानों के खाते में जल्द ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त आने वाले हैं. सरकार PM किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद देती है. इसमें किसानों को हर 4 महीने में 13 किस्तों में दो-दो हजार रुपये करके भेजी जाती है.
किसानों के खाते में जल्द ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त आने वाले हैं. सरकार PM किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद देती है. इसमें किसानों को हर 4 महीने में 13 किस्तों में दो-दो हजार रुपये करके भेजी जाती है. किसन इस समय 13वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन बिहार के सिवान के करीब 76 हजार किसानों को इस बार किश्त दे वंचित रहना पड़ सकता है. PM Kisan yojna
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि खेती में लागत बढ़ी है। इसे देखते हुए सरकार को बजट 2023 में पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली रकम को बढ़ना चाहिए। पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अभी तक 12 किस्तें जारी हो चुकी हैं। 13वीं किस्त जल्द ही जारी हो सकती है।
सरकार को आगामी बजट 2023-24 में पीएम-किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत किसानों को दी जाने वाली नकद सहायता को बढ़ाना चाहिए। उद्योग विशेषज्ञों ने यह सलाह दी ही। इस समय पीएम-किसान योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को टैक्स में छूट की पेशकश करनी चाहिए और आयात शुल्कों को कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र में एआई,
सटीक खेती और ड्रोन जैसी तकनीकों को तेजी से अपनाने के लिए किसानों के साथ-साथ कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स के लिए कुछ इंसेंटिव की घोषणा करने की भी जरूरत है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) की 13वीं किस्त जल्द ही किसानों के खातों में ट्रांसफर होगी। PM Kisan yojna
कृषि रसायन कंपनी धानुका समूह के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने कहा, ‘किसानों को पीएम-किसान कार्यक्रम के तहत अधिक राशि दी जानी चाहिए, ताकि वे पर्याप्त मात्रा में बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीद सकें। पीएम किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार तीन समान किस्तों में सालाना कुल 6,000 रुपये देती है। अग्रवाल ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों और विस्तार सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए कुछ इंसेंटिव की भी मांग की।
खाद्य तेलों पर शुरू हो राष्ट्रीय मिशन PM Kisan yojna
खाद्य तेल उद्योग के निकाय एसईए (SEA) ने तिलहन उत्पादन बढ़ाने और खाद्य तेल के आयात को कम करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करने की मांग की। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने कहा, ‘तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता के साथ ‘खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन’ शुरू करने की तत्काल आवश्यकता है।’
सालाना 140 लाख टन खाद्य तेलों का हो रहा आयात
मौजूदा समय में भारत का स्नैपशॉट करीब 140 लाख टन का आयात कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 तक ग्राह्यता पर जिम्मेदारी को कम करने के लिए मिशन को 25,000 करोड़ रुपये के वार्षिक परिव्यय की आवश्यकता है।
खेती में लागत आती है
सिंजेंटा इंडिया के मुख्य संभावना अधिकारी (सीएसओ) के सी रवि ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लागत में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘पीएम-किसान के लिए अधिक खर्च से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि किसानों की खेती करने के लिए अधिक पैसा मिलेगा।’
दवा लेने के लिए मिली सब्सिडी PM Kisan yojna
कृषि-ड्रोन वी निर्माता इंजनटेकवर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक और निदेशक दीपक भारद्वाज ने कहा, ‘सरकार को ड्रोन लेने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर मैन्युफैक्चरिंग फंड से कुछ फंड अलग रखना चाहिए। इसके अलावा, आईओटेक वर्ल्ड के सह-संस्थापक अनूप उपाध्याय ने सुझाव दिया कि किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए सब्सिडी दी जानी चाहिए।
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